शनिवार, 22 सितंबर 2018

नहीं चलेगी चुनाव डयूटि से बचने की बहाने बाजी

- फर्जी और झूठे प्रार्थना पत्रों की होगी जांच
- गलत पाये जाने पर जायेगी नौकरी सीहोर। विधानसभा निर्वाचन 2018 हेतु निर्वाचन कार्यालय द्वारा सभी विभागों से कर्मचारियों की जानकारी मांगी जाकर कर्मचारियों को मतदान दल सहित अन्‍य चुनावी कार्यो में लगाया जा रहा हैा प्राय- देखा जाता है कि जैसे ही चुनाव आते हैं कई चालाक कर्मचारी कई कई प्रकार के बहाने बनाकर फर्जी दस्‍तावेजों के आधार पर प्रार्थना पत्र प्रस्‍तुत कर चुनाव कार्य से मुक्‍त होना चाहते है या प्रयास करते हैा इस संबंध में अपर कलेक्‍टर सीहोर श्री व्‍ही के चतुर्वेदी एवं श्री मेहताब सिंह उप जिना निर्वाचन अधिकारी सीहोर ने प्रेस्‍ विज्ञप्‍ति जारी कर चेतावनी देते हुये कहा है कि यदि किसी कर्मचारी द्वारा चुनाव की डयूटि से बचने का बहाना या फर्जी दस्‍तावेजों का सहारा लेकर चुनाव से मुक्‍त किये जाने का प्रयास अथवा छदम प्रयास किया गया तो ऐसे कर्मचारी को उसकी नौकरी से हाथ धोना पड सकता हैा ध्‍यान रहे कि जैसे ही कर्मचारी की डयूटि चुनाव कार्य से लगाई जाती है तो बडी संख्‍या में कुछ कर्मचारी चुनाव से बचने का झूठा प्रयास करते है और अनावश्‍यक रूप से चुनाव कार्य से मुक्‍त हेतु आवेदन कार्यालय में प्रस्‍तुत करते है जिससे निर्वाचन कार्यालय को उनके आवेदन की जांच में काफी समय लग जाता है एवं निर्वाचन कार्य बाधित होता है इस स्थिति को द़ष्टिगत रखते हुये उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा है कि विभिन्‍न कारणों से चुनाव कार्य से मुक्ति हेतु प्राप्‍त आवेदनों का पूर्ण गंभीरता से जांच में लिया जायेगा और प्राप्‍त आवेदन की जांच की जायेगी गंभीर श्रेणी के बीमार एवं दिव्‍यागं कर्मचारियों महिला पुरूष कर्मचारियों का मेडिकल बोर्ड से परीक्षण प्रत्‍यक्ष में कराया जायेगा यदि गठित मेडिकल बोर्ड द्वारा अथवा जिला निर्वाचन पदाधिकारी की टीम द्वारा जांच उपरांत आवेदन कार्यवाही योग्‍य नहीं पाया गया तो ऐसे कर्मचारी के विरूद निर्वाचन लोक प्रतिनिधित्‍व एवं पराक्रम अधिनियम के प्रावधानों के अन्‍तर्गत कडी दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की जावेगी-- यदि किसी कर्मचारी का चुनाव कार्य से मुक्‍ती का आवेदन असत्‍य अथ्‍वा झूठा पाया गया तो उसकी नौकरी भी जा सकती हैा

सोमवार से फिर बढ़ जाएंगे वाहनों के बीमा की राशि

सीहोर। मोदी सरकार द्वारा देश की जनता के लिए शुरू किए गए अच्छे दिनों में जहां पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ाए जा रहे हैं। वहीं अब वाहनों के बीमा की राशि में भी एक हजार रूपए तक की बढ़ौतरी की जा रही है जबकि कुछ दिन पहले ही एक साल की बीमा अवधि को बढ़ाकर तीन और पंाच साल कर दिया गया था इसके बाद अब बीमा राशि में बढ़ोतरी की जा रही है। जानकारी के अनुसार बीमा कंपनियों द्वारा वाहनों के बीमा के साथ वाहन चालक और वाहन मालिक का भी दुर्घटना बीमा किया जाता है। पूर्व में इसके लिए 50 रूपए की प्रीमियम ली जाती थी और एक लाख रूपए का बीमा कवर किया जाता था। अब इसे बढ़ाकर 750 रूपए कर दिया गया है और 15 लाख रूपए का बीमा कवर कर दिया गया है। यह दो पहिया, चार पहिया और अन्य सभी वाहनों पर फस्र्ट पार्टी और थर्ड पार्टी बीमा पर लागू किया गया है। इसके अलावा जीएसटी अलग से वसूला जाएगा। इस वृद्धि के बाद वाहन मालिकों की जेब पर एक हजार रूपए की चपत लगेगी। इसी प्रकार नए वाहन खरीदने पर आपको पांच साल की बीमा की राशि एक मुश्त ही भुगतान करना पड़ेगा। इसी प्रकार चार पहिया वाहनों का बीमा कराना आवश्यक है। इस तरह वाहन खरीदने वालोें की जेब पर भार पड़ रहा है। दूसरी ओर लगातार डीजल और पेट्रोल के दाम भी बढ़ रहे हैं।

इनका कहना है

वाहनों के बीमा के साथ ही चालक और वाहन मालिक की बीमा प्रीमियम 750 रूपए किया गया है और बीमा कवर 15 लाख कर दिया गया है। यह बढ़ोत्तरी सोमवार से लागू होगी। - सुरेश कुमार आहूजा प्रबंधक ओरिएंटल इंश्योरेन्स कंपनी लिमिटेड

पुलिस कानून के मुताबिक़ काम करेगी या मुख्यमंत्री के मौखिक आदेश पर..?

सुप्रीम कोर्ट द्वारा SC/ST एक्ट को लेकर दिए फैसले को संसद ने बदल दिया है। यानि इस एक्ट में दर्ज प्रकरणों में बिना विवेचना ही गिरफ़्तारी होगी। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि इस एक्ट में बिना विवेचना गिरफ़्तारी नहीं होगी। अब सवाल यह उठता है कि पुलिस कानून के मुताबिक़ काम करेगी या मुख्यमंत्री के मौखिक आदेश पर..?