सोमवार, 22 मई 2023

12 घंटों में पूरी होगी अमृतसर से जामनगर की यात्रा

भारतमाला परियोजना के अंतर्गत बन रहा है अमृतसर - भटिंडा - जामनगर ग्रीनफील्ड कॉरिडोर 

22,500 करोड़ रुपए के निवेश से अमृतसर को जामनगर से जोड़ने वाला 917 किमी लंबाई का ग्रीनफील्ड 6-लेन एक्सेस कंट्रोल्ड कॉरिडोर उत्तरी और मध्य भारत के बीच बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने तथा आयात और निर्यात गतिविधियों को बढ़ाने की मजबूत पहल है।
 इस मार्ग के राजस्थान में 15000 करोड़ रुपए की लागत से 637 किमी 6-लेन इकोनॉमिक का 93% काम पूरा हुआ है। यह कॉरिडोर पंजाब में 155 किमी और गुजरात में 125 किमी बन रहा है। उद्योगों एवं आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना यह इस परियोजना का महत्वपूर्ण उद्येश्य है। भविष्य में 10-लेन तक विस्तार के विकल्प के साथ 6-लेन राजमार्ग को 100 किमी प्रति घंटा रफ्तार की गति के लिए डिझाइन किया जा रहा है। 
इस परियोजना से अमृतसर और जामनगर के बीच यात्रा की दूरी 23 घंटों की बजाय सिर्फ 12 घंटों में तय की जा सकेगी। यह कॉरिडोर पंजाब - हरियाणा - राजस्थान और गुजरात इन चार राज्यों के 15 जिलों से गुजरता है। यह कॉरिडोर पंजाब - हरियाणा - जम्मू और कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों को जामनगर और कांडला में गुजरात के प्रमुख वाणिज्यिक बंदरगाहों से जोड़ने के लिए एक अभिन्न धमणी के रुप में कार्य करेगा। यह कॉरिडोर है जो देश की 3 रिफायनरी पंजाब की भटिंडा रिफायनरी, राजस्थान की बाड़मेर रिफायनरी एवं गुजरात की जामनगर रिफायनरी को जोड़ेगा। 

गति शक्ति के स्पिरिट से विकसित यह कॉरिडोर 7 बंदरगाह, 9 प्रमुख हवाई अड्डे और एक मल्टि मोडल लॉजिस्टिक पार्क को जोड़ता है। यह कॉरिडोर अमृतसर, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर और कच्छ जैसे पर्यटन स्थलों के लिए उच्च प्रति की कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उपयोगकर्ता सुविधा में सुधार के लिए रेस्तराँ, धाबों, होटल, शयनगृह, पेट्रोल पंप, दुकानों, इवी चार्चिंग स्टेशनों तथा हेलिपैड के लिए सुविधाओं के साथ 32 सड़क किनारे विश्व स्तरीय सुविधाएं स्थापित की जा रही है.

शनिवार, 20 मई 2023

चुनाव और गुलाबी नोट

विनीत दुबे। आगामी कुछ महीनों बाद देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। देश के राजनैतिक दल अपनी चुनावी जमावट में लगे हुए हैं ऐसे में मोदी सरकार ने गुपचुप तरीके से दो हजार के नोट चलन से बंद करने की घोषणा कर दी है। हालांकि मीडिया में यह कहा जा रहा है कि नोट बंद नहीं हुए हैं बल्कि सरकार अब देा हजार के नोटों को छापेगी नहीं जो पहले से बाजार में नोट में चलन में हैं वे बैंकों में जमा कराए जाएंगे और बैंक उन नोटों को वापस बाजार में नहीं देगा। यह बातें भले ही प्रशासनिक स्तर की जुबान में कही जा रही हों लेकिन इन सब के वही मायने हैं जो पहले नोट बंदी के दौरान रहे थे। लोगों को एक बार में सिर्फ 10 नोट यानि 20 हजार रूपए ही बदलवाने की सुविधा दी गई है। 

करीब छह साल पहले जब दो हजार के नोट सरकार ने छापना प्रारंभ किया था तब यह प्रचारित किया गया था कि इससे काले धन पर नकेल कसी जाएगी। यह बात भी समझ से परे हो रही थी कि एक हजार के नोट बंद करते हुए दो हजार के नोट छापने से कालाधन कैसे नकेल में कसेगा। यह यक्ष प्रश्न आज भी देश की करोड़ों लोगों के जेहन में ठीक उसी प्रकार बैठा हुए है जैसे कटप्पा ने बाहूबली को क्यों मारा। यहां कटप्पा वाले सवाल का जवाब फिल्म के पटकथा लेखक के पास है तो दो हजार के नोट से काला धन पर नकेल वाली बात सरकार के पास होगी हमें विश्वास करना चाहिए.... इसके आलवा हमारे पास कोई दूसरा विकल्प है ही नहीं। 

खैर वैसे भी पिछले छह सालों के दौरान यह गुलाबी नोट सिर्फ चुनावों के दौरान ही नजर आए थे, विधानसभा, लोकसभा, फिर विधानसभा उपचुनाव, नगरीय निकाय और पंचायतों के चुनाव में कमोबेश हर बड़े कार्यकर्ता और नेताओं के पास यह नोट अंतिम बार देखे गए थे। हाल ही में जानकारी मिली कि लंबे अंतराल से बैंक में बंद थे और जो तिजोरी में बंद थे वे भी अब बैंकों हवाले कर दिए जाने के आदेश के फेर में आ गए हैंै। 

अब समस्या यह सामने आ रही है कि कुछ महीनों बाद देश के कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं चुनाव मैंदान में उतरने और उतारने वालों ने अपनी तैयारिया ंजोर शोर से प्रारंभ कर दी है। बगैर गुलाबी नोट के चुनाव होने से रहे नोट बदलवाने के लिए सिर्फ 10 नोट ही भेजे का सकते हैं ऐसे में गंभीर समस्या सामने दिखाई दे रही है कि आखिर ये नोट अचानक ही बंद किए गए हैं या कर्नाटक चुनाव में इन गुलाबी नोटों ने भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाई जिसके कारण इन्हे दरकिनार किया जा रहा है। 

कुछ तो गड़बड़ होगी और जो गड़बड़ होगी वह सीबीआई पता लगा लेगी क्योंकि सीबीआई चीफ भी कर्नाटक से ही बुलाए गए हैं उन्हें सब जानकारी होगी कि ये गुलाबी कहां से कहां और कैसे आए हैं। 

खैर मामला जो भी हम तो ईश्वर से यही प्रार्थना करेंगे की गुलाबी नोटों बलि से कालाधन का वध हो जाए....



 


गुरुवार, 18 मई 2023

श्रद्धालुओं के आकर्षण का केन्द्र बनेगा सलकनपुर का देवी लोक

सीहोर. मध्यप्रदेश की पवित्र धरती पर सदैव माँ की कृपा रही है। उज्जैन में भगवान शिव के आशीर्वाद से श्री महाकाल लोक विकसित हुआ। अब सीहोर जिले के सलकनपुर में देवी लोक का निर्माण किया जाएगाइसके लिए आगामी 31 मई को भूमिपूजन एवं शिला पूजन कार्यक्रम होने जा रहा है। देवी लोक के निर्माण में जन-जन का योगदान होइस उद्देश्य से ग्रामों से ईंट/शिला संकलन का कार्य प्रारंभ हो रहा हैजो माँ के चरणों में अर्पित की जाएंगी। श्रद्धालुओं का यह उत्साह और देवी लोक के निर्माण के लिए बना वातावरण मैया की कृपा से ही संभव हुआ है। 

मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान आज मुख्यमंत्री निवास में ग्राम और नगर स्तरीय आयोजन समितियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

           मुख्यमंत्री श्री चौहान ने देवी लोक महोत्सव के पूर्व ग्रामों से शिलाएं एकत्र करने के लिए रथ यात्रा रवाना की। एकत्र शिलाओं का उपयोग देवी लोक के निर्माण के लिए किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सिर पर देवी जी की चरण पादुका रखकर रथ यात्रा के वाहन के लिए सौंपी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान की धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह चौहान ने भी चरण पादुकाएं यात्रा के लिए प्रदान की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने देवी लोक महोत्सव की डीपी और पोस्टर का अनावरण भी किया। एक लघु फिल्म के माध्यम से देवी लोक निर्माण के प्रकल्प का विवरण दिया गया।

 अनेक सुविधाओं से युक्त होगा सलकनपुर का देवी लोक

       मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में सलकनपुर में निर्मित होने वाले देवी लोक का धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन की दृष्टि से विशेष महत्व रहेगा। राजधानी भोपाल से नजदीक होने के कारण इस प्रमुख आराधना स्थल में पहुंचने वालों की संख्या लाखों में होती है। अनेक जिलों से श्रद्धालु पद यात्रा करते हुए प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण स्थान सलकनपुर पहुंचते हैं। यहां अनेक पर्यटक सुविधाएं विकसित की गई हैं। देवी लोक के निर्माण से इन सुविधाओं में वृ‍द्धि होगी और श्रद्धालु मैया जी के दर्शन के साथ ही विभिन्न सुविधाओं का उपयोग करते हुए यहां कुछ समय व्यतीत कर सकेंगे। इस आस्था केन्द्र तक पहुंचने के लिए सीढ़ियों का मार्गसड़क मार्गरोप-वे आदि उपलब्ध है। देवी लोक के निर्माण के पश्चात श्रद्धालुओं के निवासखान-पान से जुड़ी सुविधाओं में वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सिद्ध क्षेत्र सलकनपुर में मूल मंदिर यथावत रहेगा। मैया के नवरूप भी रहेंगे। यही नहीं 64 योगिनी के निर्माणविभिन्न दुकानों के निर्माण और अन्य व्यवस्थाओं के कारण इस क्षेत्र का महत्व बढ़ेगा।

 शिला एकत्रीकरणचुनरी यात्राएंमहिला और पुरुषों की भजन स्पर्धा

           मुख्यमंत्री श्री चौहान ने देवी लोक महोत्सव के लिए ग्राम और नगर स्तरीय कार्यक्रमों के अंतर्गत 28, 29 एवं 30 मई को होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा की जानकारी भी दी। देवी लोक महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम 31 मई के पूर्व 28 मई को सभी ग्रामों में शिला एवं चुनरी यात्रा निकाली जाएंगी। 'मेरी घर की मिट्टी माँ के चरणों में अर्पितकरने और प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्रत्येक घर से ईंट, शिला के संकलन का कार्य होगा। दिनांक 29 मई को रंगोली प्रतियोगिता रहेगी। इसी दिन माता के श्रंगार के लिए भी प्रतियोगिता होगी। महिला एवं पुरुष भजन मंडल भजनों की प्रस्तुति देंगे। प्रथम आने वाले प्रतिभागियों को एक लाख 51 हजारद्वितीय आने वाले प्रतिभागियों को एक लाख रूपए एवं तृतीय स्थान पर आने वाले प्रतिभागियों 51 हजार रूपए की राशि प्रदान की जाएगी। महिलाओं के लिए भजन प्रतियोगिता 29 मई और पुरुषों के लिए 30 मई को होगी।

       मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 30 मई के कार्यक्रम में नगर स्तरीय शिला और चुनरी यात्रा के साथ ही यात्रा मार्ग में अलग-अलग समाज और संस्थाएं स्वागत करेंगे। मुख्य कार्यक्रम सलकनपुर में 31 मई को होगा। इसके अंतर्गत भूमिपूजन एवं शिला पूजन के साथ धर्मगुरूओं तथा कथावाचकों का सम्मान किया जाएगा। वैदिक रीति से स्वस्ति गान और मंत्रोच्चार भी होगा। आतिशबाजी और भजनों की प्रस्तुति के साथ माता जी की चुनरीशिलाकलश यात्रा का स्वागत होगा। रेहटी नगर समिति के सौजन्य से गरबा नृत्य की प्रस्तुति भी होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रमों को अद्भुत स्वरूप देने के लिए आयोजन समितियों से सक्रिय भूमिका की अपेक्षा की। 

           सांसद श्री रमाकांत भार्गव ने कहा कि 17 से 28 मई तक चरण पादुकाओं के पूजन और उन्हें ग्राम-ग्राम ले जाने का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। ग्रामों के मंदिर से पवित्र मिट्टी भी 31 मई के मुख्य कार्यक्रम के लिए समर्पित की जाएगी। इसके साथ ही चुनरियां भी प्रदान की जाएंगी। ग्रामों में चौपाल में इसके लिए आयोजन समितियों द्वारा जन-जन की भागीदारी पर चर्चा कर आवश्यक तैयारी भी की जाए। 

"मुख्यमंत्री सीखो- कमाओ योजना"

भोपाल. राज्य सरकार द्वारा युवाओं के लिए, युवाओं के हित के लिए नई योजना "मुख्यमंत्री सीखो- कमाओ योजना" यह योजना युवाओं को अपने मनमाफिक काम सीखने का मौका देगी और हर महीने धनराशि भी मिलेगी। यह योजना समाजिक बदलाव की क्रांति के साथ युवाओं की भागीदारी प्रमुख होगी। युवाओं को रोजगार भी देगी और स्वरोजगार से जोड़गी। यह योजना युवाओं को सक्षम ओर स्वाभिमानी  होगा तो आत्निर्भर मध्यप्रदेश के कदमों को गति मिलेगी। यह योजना तकनीकी शिक्षा,कोशल विकास एवं रोजगार विभाग द्वारा प्रस्तावित नवीन योजना "मुख्यमंत्री सीखो- कमाओ योजना" यह योजना युवाओं को नए अवसर के साथ ही अपनी इच्छानुसार काम सीखने के साथ ही रूपये कमाने को मौका भी मिलेगा। बच्चों को स्किल्ड करेंगे उनके हाथों में कौशल देंगे फिर हम उसको काम सिखाने के बदले में पैसा देंगे हम अपने प्रदेश के युवाओं को रोजगार भी दे रहे हैं और उन्हें स्वरोजगार के जोड़ने के हर संभव प्रयास भी कर रहे हैं। राज्य सरकार का प्रयास है कि हम अपने लोगों को 01 लाख सरकारी पदों पर भर्तियां करेंगी। दूसरी तरफ रोजगार दिवस का अयोजन करके ढाई लाख स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करा रहें हैं।

18 से 29 वर्ष के युवा होंगे पात्र

      मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना युवाएं के लिए स्वाभिमान और सम्मान का प्रतीक बनेगीयोजना में हमारा प्रारंभिक लक्ष्य एक लाख युवाओं को इससे जोड़ना है। मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना में 18 से लेकर 29 वर्ष तक के मध्यप्रदेश के निवासी युवा भाग ले सकेंगे।

 युवाओं को ट्रेर्निग के दौरान से 10 हजार रूपए तक होगा स्टाइपेंड

  इस योजना में 12 वी या आईटीआई पास अथवा उच्च शिक्षित युवा भी लाभान्वित हो सकेंगे। योजना के अंतर्गत ट्रेनिंग के दौरान 5 वीं से 12 उत्तीर्ण युवाओं को 8000, आईटीआई पास को 8500, डिप्लोमा धारी को 9000, और स्नातक अथवा उच्च शिक्षित युवाओं को 10 हजार रुपये स्टाइपेंड के रूप में प्रतिमाह प्रतिमाह दिया जाएगा।

योजना में प्रशिक्षण के लिए 703 कार्य क्षेत्र चिन्हित

      योजना में प्रशिक्षण के लिए 703 कार्य-क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं। इसमें विनिर्माण क्षेत्रइंजीनियरिंगइलेक्ट्रिकलमैकेनिकलसिविलप्रबंधनमार्केटिंगहोटल मैनेजमेंटटूरिज्मट्रेवलअस्पतालरेलवेआई.टी. सेक्टरसॉफ्टवेयर डेवलपमेंटबैंकिंगबीमालेखाचार्टर्ड एकाउंटेंट और अन्य वित्तीय सेवाओं से जुड़े प्रतिष्ठानों को जोड़ा जाएगा। मीडियाकलाकानूनी और विधि सेवाएँशिक्षा-प्रशिक्षण तथा सेवा क्षेत्र में कार्यरत प्रतिष्ठान भी योजना में सम्मिलित होंगे। योजना से प्रशिक्षणार्थियों को उद्योग उन्मुख प्रशिक्षणनवीनतम तकनीक और प्रक्रियाओं में दक्षता प्राप्त होगीजिससे उनके नियमित रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। योजना से प्रमुख प्रतिष्ठानों को जोड़ने के‍ लिए पुणेबैंगलुरू और नोएडा में कार्यशालाएँ की जाएंगी। साथ ही प्रदेश में युवाओं को योजना की जानकारी देने के उद्देश्य से संभाग और जिला‍ स्तर पर गतिविधियाँ संचालित होंगी।प्रत्येक माह निर्धारित स्टाइपेण्ड का 75% राज्य शासन की ओर से छात्र- प्रशिक्षणार्थी को DBT के माध्यम से भुगतान किया जाएगा। प्रतिष्ठान को निर्धारित न्यूनतम स्टाइप्रेण्ड की 25% राशि छात्र- प्रशिक्षणार्थी के बैंक खाते में जमा करना होगी। प्रतिष्ठान निर्धारित राशि से अधिक स्टाइपेण्ड देने के लिए स्वतंत्र होगा।

इंडस्ट्री वर्कशॉप

     मध्यप्रदेश एवं प्रमुख आईटी/औद्योगिक केंद्रों (पुणेबैंगलोरआदि) में 1 जून से 14 जून 2023 तक संभागीय कार्यशालाएं आयोजित होगी। इसी के तहत मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना का क्रियान्वयन 07 जून से प्रतिष्ठानों के पंजीयन का कार्य प्रारंभ होगा ओर युवाओं का पंजीयन 15 जून से प्रारंभ होगा तथा मार्केट प्लेस 15 जुलाई से प्रारंभ एवं युवाओं का आवेदन लेना प्रारंभ होगा और युवा प्रतिष्ठानों-मध्यप्रदेश शासन के मध्य अनुबंध हस्ताक्षर (अनलाइन) 31 जुलाई से प्रारंभ होंगे। 01 अगस्त से से युवाओं की उपस्थिति शुरू होजाएगी। तथा प्रशिक्षण 31 अगस्त से प्रारंभ होने के माह बाद युवाओं को राशि वितरण किया जाएगा। 

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में साधिकार समिति करेगी योजना का संचालन

      मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित साधिकार समिति द्वारा योजना का संचालन किया जाएगा। कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव समिति के सदस्य सचिव होंगे। वित्तऔद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहनसूक्ष्म-लघु एवं मध्यम उद्यमश्रमउच्च शिक्षा तथा तकनीकी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव समिति के सदस्य होंगे।

बुधवार, 17 मई 2023

लाइफ स्टाइल फॉर इनवायरमेंट कार्यक्रम 5 जून तक

प्रत्येक जिले में प्रतिदिन ऊर्जा विकास निगम द्वारा होंगे कार्यक्रम

भोपाल : बुधवार, मई 17, 2023.
मिशन LiFE में लोगों को पर्यावरण अनुकूल जीवन पद्धति अपनाने के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा 15 मई से प्रदेश में लाईफ स्टाइल फॉर इनवायरमेंट कार्यक्रम शुरू किया गया है। विश्व पर्यावरण दिवस - 5 जून तक चलने वाले इस कार्यक्रम में प्रत्येक जिले में प्रत्येक दिन साईकिल रैली, पौधारोपण, ऊर्जा संरक्षण विषय पर चित्रकला, निबंध लेखन, नुक्कड़ नाटक, गोष्ठी, प्रदर्शन आदि गतिविधियाँ होंगी।

ऊर्जा विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री कर्मवीर शर्मा ने बताया कि प्रमुख सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा श्री संजय दुबे जी के नेतृत्व में मिशन LiFE में ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशियेंशी के सहयोग से जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिये विभिन्न गतिविधियाँ की जाएंगी। इसमें आम जनमानस के साथ विद्यार्थियों और किसानों को भी ऊर्जा के अपव्यय से होने वाले पर्यावरण नुकसान की जानकारी दी जा रही है।

श्री कर्मवीर शर्मा ने कहा कि ऊर्जा विकास निगम द्वारा प्रदेश में ऊर्जा संरक्षण एवं संवर्धन के लिये ऊर्जा साक्षरता अभियान (ऊषा) चलाया जा रहा है। इसका भी उद्देश्य प्रदेश के नागरिकों को जलवायु परिवर्तन के दुष्णप्रभावों के विरूद्ध जागरूक करना है। अभियान से अब तक 15 लाख से अधिक लोग जुड़ चुके है।

ऊर्जा विकास निगम द्वारा 15 मई को दतिया जिले में 50 किसानों, ग्रामीणों और गृहणियों को ऊर्जा बचत के उपाय, जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के बारे में जानकारी दी गई। भोपाल के SAGE यूनिवर्सिटी में 16 मई को कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं और प्राध्यापकों को मिशन LiFE के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। मिशन का उद्देश्य खासतौर से युवा पीढ़ी को जलवायु परिवर्तन के दुष्णप्रभावों के बारे में जानकारी देते हुए पर्यावरण संरक्षण के लिये तैयार करना है।

बुधवार, 3 अप्रैल 2019

मोदी राज में बैंकों का निकल गया दम

नई दिल्ली। 31 मार्च 2019 को दिल्ली में एक न्यूज चैनल के उद्धाटन में पीएम मोदी ने अपने भाषण में कालेधन पर नकेल कसने का जिक्र किया । बैकिंग प्रणाली को कितना मजबूत किया है इसके विस्तार से जिक्र किया ।और यही से सवाल उठा कि प्रधानमंत्री जो भी कह गये क्या उस पर सवाल नहीं उठना चाहिये । मोदी बोले कि सप्रीम कोर्ट ने उनके पीएम बनने से  तीन साल पहले से कह रखा था कि कालेधन पर एसआईटी बनाइये । लेकिन मनमोहन सरकार ने नहीं बनाया और सत्ता मेंआते ही पहली कैबिनेट में उन्होने एसआईटी बनाने का निर्णय ले लिया । जबकि हकीकत ये है कि सप्रीम कोर्ट ने 2011 कालेधन को लेकर मनमोहन सत्ता क्या कर रही है इसका जवाब मांगा था । और साफ तौर पर कहा था कि विदेशो में कितना कालाधन है इसका कोई आंकडा बताने की स्थिति में सरकार कब आ पायगी । और तब के वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि जब तक दुनिया के तमाम देशो के साथ ये समझता नहीं हो जाता है कि वहा के बौको में जमा  भारतीय नागरिको के कालेधन की जानकारी दें तब तक मुश्किल है । और समझना होगा कि एसआईटी बानने का जिक्र सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2014 में किया । बकायदा आरटीआई एक्ट के तहत आरटीआई को बनाने क लिये कहा ।  और तब मनमोहन सरकार को लगा कि देश में चुनाव होने वाले है तो फिर चुनाव के बाद जिसकी सरकार बनेगी वह एसआईटी बनाये तो बेहतर होगा । और 27 मई 2014 को मोदी ने अपने पही कैबनेट में एसआईटी बनाने का एलान कर दिया । यानी सवाल तीन साल का नहीं था । लेकिन इसके साथ ही एक दूसरा सच जो पीएम मोदी हमेशा छुपा लेते है  कि एसआईटी तो आरटीआई कानून के तहत बना है तो सारी जानकारी जनता को मिलनी चाहिये और इसी प्रक्रिया में एसआईटी बनने के बाद 28 अक्टूबर 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने बकायदा मोदी सत्ता को निर्देश दिया की 24 घंटे के भीतर वह बताये कि विदेशी बैको में किन भारतीयो का कालाधन जमा है । और हालात देखिये उसके बाद साढे चार बरस बीत गये लेकिन आजतक मोदी सत्ता ने उन नामो का खुलासा नहीं किया जिनका कालाधन विदेशी बैको में जमा है । तो क्या कालेधन पर पीएम के बयान से ही एक रिपोर्ट तथ्यो के साथ दिखायी नहीं जानी चाहिये ।
खैर अपने भाषण में पीएम मोदी सबसे ज्यादा बैको को लेकर बोले कि कैसे उन्होने पांच बरस के भीतर डूबती बैकिग प्रणाली  को ठीक कर दिया । तो क्या न्यूज चैनल का काम सिर्फ मोदी का भाषण अपने मंच से दिलवाना भर ही होना चाहिये । या फिर चैनल को इससे सुनहरा अवसर नहीं मिलता कि उनके मंच पर आकर पीएम कुछ भी कहकर नहीं जा सकते । यानी शाम के प्राईम टाइम में तो बकायदा पांच बरस में कैसे बैको का बंटाधार हुआ है इसको लेकर घंटे भर का कार्यक्रम तक बनाया जा सकता है । और खबर का पेग पीएम का भाषण ही है । क्योकि ये पहली बार हुआ कि कि बैको में जमा जनता की कमाई की रकम की लूट को छुपाने के लिये मोदी सत्ता ही सक्रिय हो गई । हालात इतने बुरे हो गये कि सत्ता मेंआने के बाद बरस दर बरस बैको क फाइल साफ सुधरी दिखायी दे उसके लिये सिलसिलेवार तरीके से लूट की रकम को रिटन आफ किया गया । जबकि रिकवरी ना के बराबर हुई । मसलन 2014-15 में 49,018 करोड रिटन आफ किया गया और रिकवरी हुई सिर्फ 5461 करोड । 2015-16 में रिटन आफ किया गया 57,585 करोड और रिकवरी की गई महज 8096 करोड । 206-17 में रिटन आफ किया गया 81,683 करोड और रिकवरी हुई 8680 करोड । 2017-18 में रिटन आफ किया गया 84,272 करोड रुपये और रिकवरी हुई महज 7,106 करोड रुपये । यानी पहले चार बरस में बैको की फाइलो में कर्ज लेकर लूट लिये गये 2,72,558 करोड रुपये नजर ना आये इसकी व्यवस्था की गई । जबकि बैको की सक्रियता इन चार बरस में रिकवरी कर पायी सिर्फ 29,343 करोड रपये । तो फिर बैको में कैसे सुधार मोदी सत्ता के दौर में आ गया क्योकि अनूठा सच तो ये भी है कि करीब 90 फिसदी एनपीए रिटन आर कर दिया गया । और अगर बैको के जरीये हालात को समझे तो 2014 से 2018 के बीच यूको बैक ने कोई रकवरी की ही नहीं जबकि कर्ज दे दिया 6087 करोड जिसे मोदी सरकार ने रिटन आफ कर दिया । देश के सबसे बडे बैक स्टेट बैक आफ इंडिया ने इन चार बरस में कर्ज की रिकवरी की सिर्फ 10,396 करोड और जो रिकवरी नहीं हो पायी वह रकम है 1,02,587 करोड रुपये । और इस रकम को बैको के फाइलो से रिटन आफ कर दिया  । और ये बकायदा रिजर्व बैक के जरीये जारी कि गई 21 बैको की सूची है जो साफ साफ बताती है कि आखिर जो एनपीए 2014 में सवा दो लाख करोड का था वह 2019 में बञते बढते 12 लाख करोड भी पार कर चूका है और एनपीए का बढना महज इंटरेस्ट रेट नहीं होता है बल्कि इस दौर में कर्ज देकर लूट को बढाने की सिलसिला भी कैसे सिस्टम का हिस्सा का हिस्सा हो गया ।
और लूट को रोकने का जो दावा प्रधानमंत्री चैनल के उदधाटन भाषण में कर गये उस पर तो चैनल को अलग से रिपोर्ट तैयार कर बताना चाहिये कि कैसे बीचे पांच बरस के दौर में बैक फ्राड के मामले हवाई गति से बढे है । जरा इसके सिलसिले को परखे एसबीआई [2466], बैंक आफ बड़ौदा [782] ,बैंक आफ इंडिया [579], सिंडीकेट बैंक [552],सेन्ट्रल बैंक आफ इंडिया [527], पीएनबी [471], यूनियन बैंक आफ इंडिया [368], इंडियन ओवरसीज बैंक[342],केनरा बैंक [327], ओरियंट बैंक आफ कामर्स[297] , आईडीबीआई [ 292 ], कारपोरेश बैंक[ 291], इंडियन बैंक [ 261],यूको बैंक [ 231],यूनिईटेड बैंक आफ इंडिया [ 225 ], बैंक आफ महाराष्ट्र [ 170],आध्रे बैंक [ 160 ], इलाहबाद बैंक [ 130 ], विजया बैंक  [114], देना बैंक [105], पंजाब एंड सिंघ बैंक [58] ..ये बैंकों में हुये फ्रॉड की लिस्ट है। 2015 से 2017 के दौरान बैंक फ्रॉड की ये सूची साफ तौर पर बतलाती है कि कमोवेश हर बैंक में फ्रॉड हुआ। सबसे ज्यादा स्टेट बैंक में 2466। तो पीएनबी में 471 । और सभी को जोड दिजियेगा तो कुल 8748 बैंक फ्रॉड बीते तीन बरस में हुआ । यानी हर दिन बैंक फ्रॉड के 8 मामले देश में होते रहे । पर सवाल सिर्फ बैंक फ्रॉड भर का नहीं है। सवाल तो ये है कि बैंक से नीरव मोदी मेहूल चौकसी और माल्या की तर्ज पर कर्ज लेकर ना लौटाने वालों की तादाद की है। और अरबों रुपया बैंक का बैलेस शीट से हटाने का है। और सरकार का बैंको को कर्ज का अरबो रुपया राइट आफ करने के लिये सहयोग देने का है । यानी सरकार बैंकिंग प्रणाली के उस चेहरे को स्वीकार चुकी है, जिसमें अरबो रुपये का कर्जदार पैसे ना लौटाये । क्योकि क्रेडिट इनफारमेशन ब्यूरो आफ इंडिया लिमिटेड यानी सिबिल के मुताबिक इससे 1,11,738 करोड का चूना बैंकों को लग चुका है। और 9339 कर्जदार ऐसे है जो कर्ज लौटा सकते है पर इंकार कर दिया। और पिछले बरस सुप्रीम कोर्ट ने जब इन डिफाल्टरों का नाम पूछा तो रिजर्व बैंक की तरफ से कहा गया कि जिन्होने 500 करोड से ज्यादा का कर्ज लिया है और नहीं लौटा रहे है उनके नाम सार्वजनिक करना ठीक नहीं होगा। अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा। तो ऐसे में बैंकों की उस फेरहिस्त को पढिये कि किस बैंक को कितने का चूना लगा और कर्ज ना लौटाने वाले है कितने।
तो एसबीआई को सबसे ज्यादा 27716 करोड का चूना लगाने में 1665 कर्जदार हैं। पीएनबी को 12574 करोड का चूना लगा है और कर्ज लेने वालो की तादाद 1018 है। इसी तर्ज पर बैंक आफ इंडिया को 6104 करोड़ का चूना 314 कर्जदारो ने लगाया। बैंक आफ बडौदा को 5342 करोड का चूना 243 कर्जदारों ने लगाया। यूनियन बैंक को 4802 करोड का चूना 779 कर्जदारों ने लगाया। सेन्ट्रल बैंक को 4429 करोड का चूना 666 कर्जदारों ने लगाया। ओरियन्ट बैंक को 4244 करोड का चूना 420 कर्जदारो ने लगाया। यूको बैंक को 4100 करोड का चूना 338 कर्जदारों ने लगाया। आंध्र बैंक को 3927 करोड का चूना 373 कर्जदारों ने लगाया। केनरा बैंक को 3691 करोड का चूना 473 कर्जदारों ने लगाया।  आईडीबीआई को 3659 करोड का चूना 83 कर्जदारों ने लगाया। और विजया बैंक को 3152 करोड़ का चूना 112 कर्जदारों ने लगाया । तो ये सिर्फ 12 बैंक हैं। जिन्होंने जानकारी दी की 9339 कर्जदार है जो 1,11,738 करोड नहीं लौटा रहे हैं। फिर भी इनके खिलाफ कोई कार्रवाई हुई नहीं है उल्टे सरकार बैंकों को मदद कर रही हैं कि वह अपनी बैलेस शीट से अरबो रुपये की कर्जदारी को ही हटा दें।
- पूण्य प्रसून वाजपई के फेसबुक पेज से संकलित

मंगलवार, 2 अप्रैल 2019

दिग्विजय सिंह जी की शिकायत भाजपा की ओछी मानसिकता

                                                                       
सीहोर/ पिछले दिनों  सीहोर में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह ने सीहोर के आराध्य देव भगवान गणेश मंदिर भगवान श्री गणेश की आराधना करने पधारे थे, भारतीय जनता पार्टी के नेताओ के पेट में दर्द उठा और भारतीय जनता पार्टी ने श्री दिग्विजय सिंह की शिकायत चुनाव आयोग में कर दी, श्री गणेश मंदिर के बाहर कई दुखी लोग मांग कर अपना जीवन यापन करते है।
युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजीव गुजराती ने कहा है कि हमारे सनातन धर्म मे मंदिर के बाहर धर्म करने की प्रथा है, दान धर्म की शिकायत करकर भाजपा ने हिन्दू सनातन धर्म का अपमान किया है और ये मामला भारतीय जनता पार्टी की संक्रिण मानसिकता को प्रदर्शित करता है, भाजपा की इस ओछे कृत्य का जवाब निश्चित रूप से जनता देगी युवा कांग्रेस जिला अध्यक्ष राजीव  गुजराती ने भाजपा नेताओ के इस कृत्य की निंदा करते हुए भाजपा नेताओं से माफी मांगने की अपील की है और भाजपा नेताओं को शिखवे शिकायतों को छोड़कर भाजपा सांसद के  पिछले कार्यकालों का हिसाब जनता को देना चाहिए ।