शनिवार, 20 मई 2023

चुनाव और गुलाबी नोट

विनीत दुबे। आगामी कुछ महीनों बाद देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। देश के राजनैतिक दल अपनी चुनावी जमावट में लगे हुए हैं ऐसे में मोदी सरकार ने गुपचुप तरीके से दो हजार के नोट चलन से बंद करने की घोषणा कर दी है। हालांकि मीडिया में यह कहा जा रहा है कि नोट बंद नहीं हुए हैं बल्कि सरकार अब देा हजार के नोटों को छापेगी नहीं जो पहले से बाजार में नोट में चलन में हैं वे बैंकों में जमा कराए जाएंगे और बैंक उन नोटों को वापस बाजार में नहीं देगा। यह बातें भले ही प्रशासनिक स्तर की जुबान में कही जा रही हों लेकिन इन सब के वही मायने हैं जो पहले नोट बंदी के दौरान रहे थे। लोगों को एक बार में सिर्फ 10 नोट यानि 20 हजार रूपए ही बदलवाने की सुविधा दी गई है। 

करीब छह साल पहले जब दो हजार के नोट सरकार ने छापना प्रारंभ किया था तब यह प्रचारित किया गया था कि इससे काले धन पर नकेल कसी जाएगी। यह बात भी समझ से परे हो रही थी कि एक हजार के नोट बंद करते हुए दो हजार के नोट छापने से कालाधन कैसे नकेल में कसेगा। यह यक्ष प्रश्न आज भी देश की करोड़ों लोगों के जेहन में ठीक उसी प्रकार बैठा हुए है जैसे कटप्पा ने बाहूबली को क्यों मारा। यहां कटप्पा वाले सवाल का जवाब फिल्म के पटकथा लेखक के पास है तो दो हजार के नोट से काला धन पर नकेल वाली बात सरकार के पास होगी हमें विश्वास करना चाहिए.... इसके आलवा हमारे पास कोई दूसरा विकल्प है ही नहीं। 

खैर वैसे भी पिछले छह सालों के दौरान यह गुलाबी नोट सिर्फ चुनावों के दौरान ही नजर आए थे, विधानसभा, लोकसभा, फिर विधानसभा उपचुनाव, नगरीय निकाय और पंचायतों के चुनाव में कमोबेश हर बड़े कार्यकर्ता और नेताओं के पास यह नोट अंतिम बार देखे गए थे। हाल ही में जानकारी मिली कि लंबे अंतराल से बैंक में बंद थे और जो तिजोरी में बंद थे वे भी अब बैंकों हवाले कर दिए जाने के आदेश के फेर में आ गए हैंै। 

अब समस्या यह सामने आ रही है कि कुछ महीनों बाद देश के कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं चुनाव मैंदान में उतरने और उतारने वालों ने अपनी तैयारिया ंजोर शोर से प्रारंभ कर दी है। बगैर गुलाबी नोट के चुनाव होने से रहे नोट बदलवाने के लिए सिर्फ 10 नोट ही भेजे का सकते हैं ऐसे में गंभीर समस्या सामने दिखाई दे रही है कि आखिर ये नोट अचानक ही बंद किए गए हैं या कर्नाटक चुनाव में इन गुलाबी नोटों ने भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाई जिसके कारण इन्हे दरकिनार किया जा रहा है। 

कुछ तो गड़बड़ होगी और जो गड़बड़ होगी वह सीबीआई पता लगा लेगी क्योंकि सीबीआई चीफ भी कर्नाटक से ही बुलाए गए हैं उन्हें सब जानकारी होगी कि ये गुलाबी कहां से कहां और कैसे आए हैं। 

खैर मामला जो भी हम तो ईश्वर से यही प्रार्थना करेंगे की गुलाबी नोटों बलि से कालाधन का वध हो जाए....



 


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