विनीत दुबे सीहोर। नगरपालिका की लचर कार्य प्रणाली के चलते शहर में पेयजल का संकट लगातार गहराता जा रहा है। शनिवार को कांग्रेसी पार्षदों ने भूख हड़ताल प्रारंभ कर दी। वहीं भाजपा के पार्षद भी मुखर होने लगे हैं। शहर में टैंकरों से जलप्रदाय में लाखों के वारे-न्यारे किए जा रहे हैं।
नव गठित नगरपालिका शहर में व्यवस्थित पेयजल वितरण व्यवस्था करने में असफल साबित हो रही है। कांग्रेसी पार्षदों ने टैंकर से जलप्रदाय करने में मानमानी के आरोप लगाते हुए भूख हड़ताल प्रारंभ कर दी है।
पार्षद राहुल यादव ने बताया कि नगरपालिका कांग्रेस पार्षदों के वार्डों में पानी के टैंकर सप्लाई नहीं कर रही है नगरपालिका की इसी मनमानी के चलते भूख हड़ताल प्रारंभ की गई है।
चरणबद्ध होगा आंदोलन
22 मई को अर्द्धनग्न होकर प्रदर्शन किया जाएगा, 23 मई को नपा के गेट पर मटके फोड़े जाएंगे, 24 मई को कांग्रेसी महिला पार्षद नपाध्यक्ष नरेश मेवाड़ा और प्रभारी सीएमओ दीपक देवगड़े को चूड़ियां भेंट करेंगी, वहीं 25 मई को नपाध्यक्ष, विधायक और सांसद का पुतला दहन किया जाएगा और 26 मई को रात एक बजे से सुबह पांच बजे तक नगरपालिका अध्यक्ष और विधायक के निवास के बाहर नींद हराम आंदोलन चलाया जाएगा। इसके अलावा 15 जून को नगरपालिका के चार माह के काले घपलों का चिट्ठा जनता के सामने खोला जाएगा। आज शुरु हुए आंदोलन में कांग्रेस जिलाध्यक्ष कैलाश परमार सहित अनेक कांग्रेसी नेता मौजूद थे।
भाजपाई भी असंतुष्ट
नगरपालिका में पार्षद अपनी उपेक्षा को लेकर अब आरपार के मूड में आ गए हैं। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार अध्यक्षीय परिषद में शामिल एक पार्षद अपनी उपेक्षा को लेकर खासे नाराज हैं। बताया जाता है कि नगरपालिका के अधिकारी व कर्मचारी और नपाध्यक्ष उनकी बात को महत्व नहीं देते हैं। इसी के चलते वे अध्यक्षीय परिषद (पीआईसी) से स्तीफा देने का मन बना चुके हैं। देर शाम तक उन्हे मनाने के प्रयास किए जा रहे थे।
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